हरिद्वार। सावन के दूसरे सोमवार धर्मनगरी के तमाम शिवालयों में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। जबकि भगवान शिव की ससुराल कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार में दिखाई दिए और अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिए। मान्यता है सावन में दक्षेश्वर महादेव की सच्चे मन से उपासना करने से हर मुराद पूरी होती है। दक्षेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी विशेश्वर पुरी का कहना है कि सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना का खास महत्व माना जाता है। क्योंकि सोमवार का दिन भगवान शिव को काफी पसंद होता है। कहा जाता है कि सावन में वह भी सोमवार के दिन जलाभिषेक करने से भगवान शिव भक्तों पर जल्द प्रसन्न होते हैं। कनखल में भगवान शंकर का ससुराल है यहां हर सोमवार को गंगा जल, दूध, दही, शहद, बुरा, धतूरा, घी आदि से अभिषेक करने का महत्व है।
श्रावण में ही मां गंगा भगवान शिव की जटाओं में आई थी, इसलिए भी श्रावण मास में गंगा के जल का महादेव के ऊपर अभिषेक का विशेष महत्व है। भगवान शंकर ने दक्षेश्वर महादेव के रूप में एक माह स्वयंभू लिंग के रूप में रहने का वचन दिया था और सावन में उनके द्वारा किये गए वादे के अनुरूप भगवान शंकर दक्षेश्वर महादेव यानी अपनी ससुराल हरिद्वार में रहते हैं। भगवान शंकर ने देवताओं और मां लक्ष्मी को वरदान दिया था कि सती की कमी को पूरा करने के लिए वे सावन के माह में यही निवास करेंगे।