हल्द्वानी। उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के दूसरी बरसी के मौके पर हल्द्वानी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुद्ध पार्क में मौन उपवास रखा। इस दौरान सरकार से अंकिता भंडारी को न्याय दिए जाने की मांग की गई। हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश व जिला और महानगर कांग्रेस के नेतृत्व में एक दिवसीय मौन उपवास किया गया। इस दौरान विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि उत्तराखंड में आज भी बहू बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। अंकिता भंडारी हत्याकांड के दो साल हो गए हैं, लेकिन आज भी अंकित भंडारी हत्याकांड के असल आरोपियों तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। सरकार ने मुख्य आरोपियों को बचाने का काम किया है। सुमित हृदयेश ने कहा कि आखिर वह कौन वीवीआईपी था जिसको बचाने के लिए सरकार ने आरोपियों के रिसोर्ट पर बुलडोजर चलवाया। आज भी उत्तराखंड की जनता कई ऐसे अनसुलझे सवालों को सरकार से पूछ रही है। लेकिन सरकार ना तो जवाब दे रही है, ना ही अंकित के परिजनों को उनकी बेटी की हत्याकांड का न्याय दिला पा रही है। पौड़ी जिले के श्रीकोट डोभ की रहने वाली अंकिता भंडारी यमकेश्वर के वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी। 18 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी अचानक रिजॉर्ट से लापता हो गई थी। वहीं रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता के परिजनों को गुमराह करने के लिए उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। जिसके बाद अंकिता भंडारी का 24 सितंबर को चीला नहर से शव मिला था।
वहीं, वनंत्रा रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर पर आरोप है कि तीनों ने मिलकर अंकिता को चीला नहर में धक्का दिया, जिस कारण अंकिता भंडारी की मौत हो गई।