5 अगस्त को केदारधाम में होगा समापन
हरिद्वार। धामों की प्रतिष्ठा बनाए रखने के प्रति आम नागरिकों को जागरूक बनाने के लिए कांग्रेस ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुरूप हरिद्वार हर की पैड़ी से केदारधाम के लिए यात्रा की शुरुआत कर दी है। जिसका समापन 5 अगस्त को केदारनाथ धाम में होगा।
इस अवसर पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि भाजपा अपने राजनीतिक हितों के लिए धर्म की राजनीति करती आ रही है अब उसने उत्तराखंड के पवित्र धामों का भी बाजारीकरण और राजनीतिकरण करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के द्वारा धामों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का काम तो किया ही जा रहा है इसके साथ ही देवभूमि की संस्कृति के साथ भी खेल खेला जा रहा है। लेकिन कांग्रेस उसे इस तरह के प्रयासों में सफल नहीं होने देगी। इस अवसर पर नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सनातन धर्म के नाम पर भाजपा के नेता धामों की प्रतिष्ठा को दांव पर लगाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने युग युगांतर से जो धाम देवभूमि की धरोहर हैं भाजपा नेताओं द्वारा उन धामो को भी राजनीति का मुद्दा बनाया जा रहा है।
इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि उनकी यह यात्रा कोई राजनीतिक यात्रा नहीं है। उनकी इस यात्रा का मकसद आम लोगों को जागरूक करना और यह बताना है कि भाजपा द्वारा सनातन धर्म और हमारे पवित्र धामों की मर्यादा को किस तरह से खंडित करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आस्था और श्रद्धा से जुड़े धामों की मर्यादा को बचाने के लिए आम आदमी भी जागरूक बने। उन्होंने कहा कि भाजपा लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम करने से बाज आये। उधर प्रीतम सिंह ने कहा कि हमारे धाम हमारे प्रदेश की मर्यादा और प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं। भाजपा जिस तरह देश भर के धार्मिक स्थलों को लेकर राजनीति करती आई है उसका सच अब देश की जनता जान चुकी है उनका यह प्रयोग उत्तराखंड में सफल नहीं हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि सीएम धामी द्वारा दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर के लिए किये गये भूमि पूजन के बाद इस मुद्दे का विरोध शुरू हुआ था हालांकि सरकार ने अब इससे अपने कदम पीछे खींच लिए हैं तथा ट्रस्ट ने भी इससे इन्कार कर दिया है लेकिन कांग्रेस इसे लेकर अभी भी उग्र रूख अख्तियार किए हुए हैं। कांग्रेस की इस केदारधाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा में बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए हैं यात्रा 5 अगस्त को केदारनाथ धाम में समाप्त होगी।