पौड़ी। सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में धांधली कराने वाले मध्य प्रदेश के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने फरार चल रहे एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी एसएसबी की भर्ती परीक्षा में फर्जी मुन्नाभाई बनकर सम्मिलित हुआ था जो फरार चल रहा था। मामले में एक पूर्व फौजी को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
मिली जानकारी के अनुसार बीती 22 अप्रैल को आशीष कुमार, कमांडेन्ट केन्द्रीयकृत प्रशिक्षण केन्द्र एसएसबी श्रीनगर गढ़वाल ने कोतवाली श्रीनगर पर रिपोर्ट दर्ज करायी कि रामबृज पुत्र रामसेवक, निवासी ग्राम बीच का पुरा, तहसील व थाना अम्बाह, जिला मुरैना म.प्र. ने एसएसबी द्वारा आयोजित परीक्षा में फर्जी दस्तावेजों व फर्जी फोटो, थम इम्प्रेशन आदि का प्रयोग करते हुये फर्जी अभ्यर्थी बनकर धोखाधडी की है। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गयी। आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस टीम द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद 22 अप्रैल को ही आरोपी रामबृज पुत्र रामसेवक, को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। वहीं पुलिस द्वारा की जा रही जांच में सामने आया कि आरोपी रामबृज व उसका छोटा भाई विकास व उसके अन्य साथी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में उचित रकम लेकर फर्जी दस्तावेज बनाकर दूसरे अभ्यार्थियों की जगह परीक्षा में सम्मिलित होकर धोखाधड़ी करते है। पुलिस टीम द्वारा उक्त मुकदमें में आरोपी विकास जो लगातार फरार चल रहा था, को श्रीनगर से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
वहीं पूर्व में गिरफ्तार रामबृज पुत्र रामसेवक ने पूछताछ में बताया था कि वह 2020 में भारतीय सेना की 27 राजपूत रेजमेन्ट मे भर्ती हो गया था और उसे मोबाइल पर सटृा व जुआ खेलने की आदत हो गयी थी जिस कारण उसके ऊपर काफी लोगों का कर्जा हो गया था जिस कारण वह वर्ष-2022 में आर्मी की नौकरी छोड़कर घर आ गया था। बताया कि उसका छोटा भाई विकास अपने साथियों के साथ मिलकर सरकारी नौकरी हेतु विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें शारीरिक व लिखित परीक्षा में पास कराने का ठेका लेते थे एवं आरोपी रामबृज अभ्यर्थियों के बदले फिजिकल परीक्षा देता था और उसका छोटा भाई विकास व उसके दोस्त प्रतियोगी परीक्षा की लिखित परीक्षाओं में अभ्यर्थी के बदले परीक्षा देते थे एवं उनके अन्य फर्जी आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास एवं एडमिट कार्ड पर एडिटिंग कर फर्जी दस्तावेज बनाने का काम करते थे। बताया कि उनके द्वारा अभी तक कई अभ्यर्थियों से लाखों रूपये लेकर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराया गया है।