हरिद्वार। सोमवती अमावस्या पर सोमवार को धर्मनगरी में गंगा स्नान के लिए तमाम गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की।
पंडित मनोज त्रिपाठी के अनुसार वैसे तो सभी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व है, लेकिन सोमयुता अर्थात सोमवती, भोमयुता अथार्त भौमवती अमावस्या विशेष पुण्यदायी होती है। आप इसके पुण्य का इसी बात से प्रभाव लगा सकते हैं कि इस सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में स्वयं भीष्म पितामह ने अपनी शरशैया पर पड़े रहते हुए इंतजार किया था। सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान करना व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान फल दे देता है। आज के दिन अपने पितरों के प्रति श्राद्ध, तर्पण आदि करना, पीपल के वृक्ष की पूजा कर परिक्रमा करने से व्यक्ति की जीवन की कठिनाइयां दूर हो जाती है।
पंडित तिवारी के अनुसार गंगा आदि पवित्र नदियों में सोमवती अमावस्या के दिन स्नान का अत्यधिक महत्व है। आज ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी में स्नान करके से व्यक्ति के पाप नष्ट होकर मोक्ष को प्राप्ति होती है. आज के दिन दान और पुण्य का भी विशेष महत्व है। वैसे तो गंगा स्नान के लिए हरिद्वार में हमेशा भीड़ लगी रहती है, लेकिन आज सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान करने का मौका कोई नहीं छोड़ना चाहता है।