आईटी निदेशक का दावा, डाटा सुरक्षित कोई नुकसान नहीं
देहरादून। उत्तराखंड का आईटी सिस्टम फेल हो गया है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सहित 180 से अधिक वेबसाइट बंद होने से केंद्रीय एजेंसियों से लेकर राज्य सरकार के कामकाज पर इसका प्रभाव देखा जा रहा है। खास बात यह है कि तीन दिनों से आईटी विभाग सिस्टम के फेल होने का कारण पता नहीं कर सका है। अधिकारियों का दावा है कि समस्या तीन दिन पहले आई लेकिन राज्य का सारा डाटा सुरक्षित है। जल्द ही सिस्टम के ठीक होने की बात भी कहीं जा रही है।
वर्तमान डिजिटल युग में किसी भी राज्य का आईटी सिस्टम फेल होने का मतलब होता है सारे सरकारी कामकाज का ठप हो जाना। क्योंकि राज्य में अब तमाम जनकल्याण की योजनाओं से लेकर रजिस्ट्री आदि सभी काम ऑनलाइन होते हैं। आईटी सिस्टम के फेल होने से राज्य की 180 से अधिक वेबसाइट बंद हो गई है जिससे सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहा है। पेपर लैस हो चुके सरकारी कार्यालयों में अति आवश्यक कामों को अब मैन्युअल करने में दिक्कतें भी स्वाभाविक है।
खास बात यह है कि राज्य का आईटी सिस्टम फेल किस कारण से हुआ है तथा बीमारी क्या है इसका अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है। क्या यह किसी खास वायरस के कारण हुआ है या फिर कोई टेक्निकल समस्या के कारण हुआ है इसका अभी तक पता नहीं चल सका है। आईटी के निदेशक नीतिका खंडेलवाल का कहना है कि सिस्टम में दिक्कत आने पर इसे बंद कर दिया गया था जिसके बाद 700 के करीब मशीनों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उनका कहना है कि राज्य का डाटा सेंटर सुरक्षित है तथा किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। कहा तो यह भी जा रहा है कि सिस्टम को ठीक करने के प्रयास जारी हैं और जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन समस्या का कारण पता न लग पाना और सरकारी कामकाज का ठप होना बड़ी बात है। यहां तक कि सीएम हेल्पलाइन तक काम नहीं कर रहा है। यह सिस्टम कब तक ठीक हो सकेगा अभी कुछ भी कहना मुश्किल है।