वरुणावत पर्वत पर भूस्खलन से दहशत का माहोल


उत्तरकाशी। एक बार फिर वरुणावत पर्वत पर भूस्खलन लोगों के लिए नासूर बनता जा रहा है। लगातार भूस्खलन से लोगों में दहशत का माहौल है। वहीं जिलाधिकारी ने वरुणावत पर्वत से लगे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी के ऊपर पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन के विस्तृत सर्वेक्षण एवं उपचार के उपाय के लिए टीएचडीसी को विशेषज्ञों की टीम भेजने का आग्रह किया है।
 जिला प्रशासन के द्वारा भूस्खलन क्षेत्र की निरंतर निगरानी करने के साथ ही खतरे की आशंका वाले भवनों से लोगों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए जिलाधिकारी ने क्षेत्र के प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था करने हेतु दंडी आश्रम उत्तरकाशी और काली कमली धर्मशाला उत्तरकाशी के पांच-पांच कक्षों को अधिग्रहीत करने के आदेश जारी किए हैं। जिलाधिकारी ने शासन के निर्देशों के क्रम में वरुणावत पर्वत से लगे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी के ऊपर पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन का विस्तृत भूवैज्ञानिक जांच कर उसके निदान हेतु सुझाव व उपाय के लिए टीएचडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंधन निदेशक को पत्र भेजा है। साथ ही विशेषज्ञों की टीम को शीघ्र जनपद में तैनात करते हुए अपेक्षित रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर आपदा सचिव उत्तराखंड शासन विनोद कुमार सुमन के द्वारा भी टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड) को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में तात्कालिक कार्यों के लिए लोनिवि को निर्देश देने के साथ ही टीएचडीसी के सर्वेक्षण में सहयोग हेतु जिला टास्क फोर्स के भूवैज्ञानिक को भी निर्देशित किया है। प्रशासन के द्वारा खतरे की जद में निवासरत 32 परिवारों को नोटिस जारी कर उक्त लोगों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर रहने की हिदायत दी गई है। इसके लिए प्रभावितों को नियमानुसार किराए का भुगतान भी किया जाएगा। क्षेत्र के 9 परिवारों ने प्रशासन को अवगत कराया है कि वह किराए का कमरा लेकर अन्यत्र रह रहे हैं।