देहरादून। अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया जिनको कनक रोड के समीप रोक दिया गया। जहां पर उन्होंने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।
शनिवार को यहां योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ के बैनर तले योग प्रशिक्षित परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए। जहां से उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच किया। वह जैसे ही कनक के समीप पहुंचे तो पुलिस ने बैरकेडिंग लगाकर उनको रोक दिया। पुलिस द्वारा रोके जाने पर प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच तीखी नोंक झोंक हुई। जिसके बाद मौके पर पहुंचे तहसीलदार के माध्यम से प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में महासंघ ने कहा कि मंत्रीमण्डल की बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार प्रदेश के 117 राजकीय महाविघालयों, 6 विश्वविघालय परिसरों एवं प्रत्येक जनपद के एककृएक राजकीय इण्टर कालेज में योग प्रशिक्षिक की तैनाती आउटसोर्स के स्थान पर विभागीय संविदा के आधार पर की जाये। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा तक के पाठयव्रफमों में योग को मुख्य विषय के रूप में सम्मिलित कर योग शिक्षक के नवीन पदों का सृजन किया जाए। उन्होंने मांग की है कि प्रदेश के योग प्रशिक्षित बेरोजगार पिछले 18 वर्षो से नियुक्ति की मांग को लेकर संघर्षरत है जिसके परिणाम स्वरूप बडी संख्या में योग प्रशिक्षित बेरोजगार नौकरी की अधिकतम आयु सीमा को पार कर चुके हैं। इसलिए नौकरी की अधिकतम आयु सीमा तीन वर्ष विशेष छूट दी जाये। उन्होंने मांग की है कि भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड के संविधान में आंशिक संशोधन करते हुए विभिन्न विश्वविघालयों एवं संबद्ध महाविघालयों, संस्थानों से योग विज्ञान में डिग्री-डिप्लोमा कर चुके योग प्रशिक्षित युवाओं का भी भारतीय चिकित्सा परिषद में पंजीकरण किया जाये।