देहरादून। दूसरे व्यक्तियों के नाम से फर्जी कम्पनियों के दस्तावेज बनाकर बैंक खाते खोलकर साईबर धोखाधडी करने वाले गिरोह के सरगना को एसटीएफ ने दिल्ली से गिरफ्तार किया।
शनिवार को यहां वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ, आयुष अग्रवाल द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक प्रकरण जनपद नैनीताल निवासी द्वारा 18 जून 2024 में दर्ज कराया जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि विगत दिनों उन्हें एक व्यक्ति द्वारा एक व्हाट्स ग्रुप में जोड़ा गया जिसमें स्टाक इन्वेस्टमेन्ट में काफी पैसा कमाने का लालच देकर एल्टास फण्ड एप्लिकेशन डाउनलोड़ कर इन्वेस्ट करने हेतु बताया गया। इस एप्लिकेशन में लगभग 90 लाख रुपये की धनराशि धोखाधड़ी से जमा करायी गयी। साईबर अपराधियों द्वारा नये जारी होने वाले शेयर में अधिक मुनाफे का लालच दिया गया तथा इसमे निवेश करने पर वादी को कुछ ही दिनों मे 90 लाख रूपये की धनराशि को मुनाफे सहित 2 करोड़ रूपये की धनराशि उनके डेसबोर्ड में प्रदर्शित की गयी। साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बर/जीमेल तथा वाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, मेटा तथा गूगल कम्पनियों से डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में दूसरे व्यक्तियों के नाम से आवंटित मोबाइल सिम कार्ड बैंक खातों का प्रयोग किया गया है तथा दिल्ली, गुजरात, कोलकाता, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि राज्यो के विभिन्न बैंक खातो में धोखाधड़ी से धनराशि प्राप्त की गयी है। जांच के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा मुकदमें में प्रकाश में आये बैंक खातो तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन कार्यवाही किये जाने पर बैंक खाते व सिम फर्जी आईडी पर संचांलित होने पाये गये। पुलिस टीम द्वारा तकनीकी – डिजिटल साक्ष्य एकत्र करने पर भवतीका हेल्थ केयर प्रा. लि. नाम से रजिस्टर्ड फर्म संचालित कर स्थानीय लोगों को इलाज हेतु नर्सिग स्टाफ उपलब्ध कराने की आड़ में ट्रेडिग का धन्धा करने वाले मास्टर मांइड निवासी अग्रवाल मण्डी टटीरी देहात थाना व जनपद बागपत हाल निवासी कृष्ण मन्दिर रोड स्वरूपनगर दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। जिसके कब्जे से गिरफ्तारी के दौरान घटना में प्रयुक्त बैंक खाते के 1 मोबाइल फोन, 6 बैंक पास बुक, 6 पासबुक, , 6 डेबिट कार्ड, विभिन्न कम्पनी के 33 सिम कार्ड, फर्जी मुहर व पेमेन्ट हेतु प्रयुक्त क्यूआर स्केनर आदि सामान बरामद हुए है। साईबर पुलिस की जांच पड़ताल में आरोपी के मोबाइल फोन में कई ईमेल एकाउन्ट, बैंक खातों, फर्जी फर्म-कम्पनियों के नाम फोटो व दस्तावेज आदि बरामद हुये है। आरोपी द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन प्रसारित कर लिंक के माध्यम से वाट्सअप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाईन ट्रेडिंग करने तथा मोबाइल फोन में एल्टास फण्ड एप्लिकेशन डाउनलोड़ कर नये शेयर के जारी होने वाले (आईपीओ) में तीन गुना तक का मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी। पूछताछ में आरोपी द्वारा बताया गया कि उसने कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बैंक खाते खोले है जिनका प्रयोग वह खुद भी है तथा अपने गैंग के ऊपरी सदस्यों को बैंक खाते अहमदाबाद गुजरात में उपलब्ध कराता था जिसके बदले में प्रत्येक खाते 40 हजार से एक लाख तक की धनराशि कमीशन के रूप में तथा साईबर अपराध के माध्यम से अर्जित धनराशि में भी 10 से 20 प्रतिशत तक का कमीशन प्राप्त किया जाता था।